रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में आमजनों की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार के तहत गांव-गांव, शहर-शहर आवेदन लिए जाने का सिलसिला 11 अप्रैल तक जारी रहा। प्रथम चरण में आवेदन प्राप्त करने हेतु 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक समय निर्धारित किया गया था। आज अंतिम दिवस तक 7 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें 11 अप्रैल को रात्रि 8 बजे तक पोर्टल में अपलोड आवेदनों की स्थिति में 1 लाख 65 हजार 918 मांग एवं 19 हजार 987 शिकायत सहित कुल 1 लाख 85 हजार 905 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए। इसी तहर शिविरों में 4 लाख 51 हजार 303 मांग एवं 12 हजार 695 शिकायत सहित कुल 4 लाख 63 हजार 998 आवेदन प्राप्त हुए तथा शिकायत पेटी के माध्यम से 50 हजार 336 मांग एवं 1 हजार 690 शिकायत सहित कुल 52 हजार 26 आवेदन प्राप्त हुए।
उल्लेखनीय है कि सुशासन तिहार तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें प्रथम चरण में 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए गए। लोगों ने अपनी समस्याओं एवं मांगों से संबंधित आवेदन अपने-अपने जिलों में ऑनलाईन, शिविर एवं समाधान पेटी में भी डाले।
जनसमान्य की समस्याओं से संबंधित आवेदनों को भरने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायो के कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई थी, ताकि लोगों को अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाने की व्यवस्था का आमजनों ने उपयोग किया है। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी गई थी, जहां लोगों ने अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन डाले।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप सुशासन तिहार 2025 का आयोजन किया जा रहा है। जहां जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देशित किए है कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।
सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी।
समाधान शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।