धमतरी। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धमतरी में 26 नवंबर को एक दिवसीय कैरियर गाईडेंस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर नम्रता गांधी सहित अधिकारियों ने महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को सफलता के मूलमंत्र बताए।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कार्य को दबाव में अथवा मजबूरी में नहीं करें, बल्कि उस कार्य में स्वयं की दिलचस्पी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ लक्ष्य निर्धारित कर बेहतर समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। हर विद्यार्थी को अपने लिए पढ़ाई करनी चाहिए, क्योंकि पढ़ाई ही वह साधन है, जो आपको उच्चस्तर तक ले जाने में मदद करता है। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जिंदगी में असफलता से घबराएं नहीं और परिस्थितियों का सामना करने डटे रहें। आपका भविष्य उज्जवल है, अच्छा इंसान बने, अधिक से अधिक लोगों की सेवा कर उनके जीवन को बदलें। उन्होंने कहा कि जीवन में खुश रहना एवं रखना महत्वपूर्ण है। जिंदगी खूबसूरत है, जिंदगी में कई परिस्थितियों होती हैं। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसमें स्वयं की दिलचस्पी होना जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि यूपीएससी, पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रश्नों का अवलोकन करें और उन्हें समझें कि किस क्षेत्र से प्रश्न पूछा गया है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि मैंने 10 वीं क्लास से ही आईएएस बनने की ज़िद कर ली थी और मैं आईएएस बन गई।
कलेक्टर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यूपीएससी में चयनित अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में सबसे सरल सवाल पूछे जाते हैं। सर्वप्रथम अभ्यर्थियों से बेसिक जानकारी ली जाती है और अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व के बारे में सवाल किए जाते हैं। साथ ही कलेक्टर ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। इस अवसर डीएसपी नेहा पवार, सहायक प्राध्यापक नवीन शासकीय महाविद्यालय कंडेल पीतांबर सिन्हा सहित अन्य अतिथियों ने भी बच्चों को करियर के टिप्स दिए। इस अवसर पर प्राचार्य डा विनोद कुमार पाठक, अमित कुमार साहू, गोविंद प्रसाद, प्लेसमेंट प्रभारी आकांक्षा मरकाम सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
दृढ़संकल्पित होना जरूरी: कलेक्टर ने कहा कि कोई भी चीज को पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के साथ दृढ़संकल्पित होना जरूरी है। साथ ही जज्बा और कड़ी मेहनत से निश्चित ही सकारात्मक परिणाम मिलता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में सीखने, समझने की जिज्ञासा होनी चाहिए। पढ़ाई को बोझ समझने से बेहतर हैं कि खेल की तरह मन लगाकर करें। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत कर कुछ बड़ा कर गुजरने की चाहत होनी चाहिए। जीवन में कठिनाई के दौर भी आते हैं, लेकिन मेहनत ही सफलता दिलाती है।