खैरागढ़। सरकारी नौकरी की चाहत और बेरोजगारी की आपदा को शातिर ठग अवसर में बदल रहे हैं. ऐसे में खैरागढ़ जिले के गंडई थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां धमतरी जिले की एक महिला ठग ने अपने आप को मंत्रालय का अधिकारी बताकर पंडरिया निवासी नरेंद्र लोधी को वन विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर ली. ठगी का शिकार हुए युवक ने मामले की शिकायत पुलिस से की, जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. अफसोस की बात तो ये है कि पढ़े लिखे शिक्षित युवा सरकारी नौकरी के लालच में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
यह मामला पंडरिया गंडई निवासी 29 वर्षीय नरेंद्र लोधी का है, जो काफी समय से नौकरी की तलाश में था. इस दौरान नरसिंग निषाद नामक व्यक्ति ने उसे अपने झांसे में ले लिया. नरसिंग ने नरेंद्र को धमतरी जिले में रहने वाली अपनी मौसी चंद्रकला और मौसा कमलेश निषाद की फर्जी जॉइनिंग लिस्ट दिखाकर वन विभाग में नौकरी दिलाने का वादा किया। नरेंद्र को सरकारी नौकरी की चाहत थी, इसलिए वह बगैर सोचे समझे नरसिंग की मौसी चंद्रकला से मिला. इसके बाद चंद्रकला और कमलेश ने नरेंद्र से कुछ पैसे ऐंठे और उसे गीतांजलि टंडन नामक महिला से मिलवाया. गीतांजलि ने नरेंद्र को अपना आईडी कार्ड दिखाया और मंत्रालय में बड़ी अधिकारी होना बताया।
इतना ही नहीं आगे गीतांजलि टंडन ने वन विभाग में आठ बाबू के पद रिक्त होने की जानकारी भी नरेंद्र को दी और नौकरी के लिए उसे 15 लाख रुपये नगद देने की मांग की गई. नरेन्द्र पैसे देने तैयार हो गया और अपने मुंहबोले मामा शत्रुहन ठाकुर से पैसे उधार मांगे. मामा ने मंत्रालय की फर्जी अधिकारी गीतांजलि टंडन से बात की तो गीतांजलि ने उन्हें भी अपने झांसे में ले लिया, मामा शत्रुहन ठाकुर ने भी सोचा भांजे की सरकारी नौकरी लग जाएगी तो बहन का परिवार सुखी हो जाएगा और पैसे देने तैयार हो गए।