महिला सशक्तिकरण के तहत् स्व सहायता समूहों की 412 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया



जशपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में तेजी से बदल रही है राज्य के गांवों की तस्वीर। शासन के प्रयासों और पंचायती राज योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बदौलत प्रदेश के गांव अब विकास और समाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में नई कहानियां लिख रहे हैं। 

ऐसी ही एक कहानी है जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघरी की। जिला मुख्यालय जशपुर से 93 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव विकास और बदलाव की नई परिभाषा गढ़ रहा है। यहां पंचायत की बैठकों में जनभागीदारी के माध्यम से गांव के हर चुनौति का समाधान किया जाता है। गांव में 567 लोगों का राशन कार्ड बनाया गया हैं जिनमें 37 एपीएल कार्ड, 407 बीपीएल कार्ड शामिल हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 216 बच्चों को पोषण का लाभ मिल रहा है। धात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पोषण की व्यवस्था की गई है। समाजिक सुरक्षा के लिए 2 लाख 10 हजार खर्च किए गए हैं। साथ ही 342 लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया है। 

घुघरी निवासी मंगरी बाई ने बताया कि उन्हें हर महिना 500 रूपए पेंशन मिलती है। उसी पैसे से अपना जीवन यापन करती हैं। परिवार के  पालन पोषण करने में सहायता मिल रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 56 जरूरतमंद परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। 483 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए हैं। पीछे दो वर्षाे में मनरेगा के 20 व्यक्तिगत तालाबों का निर्माण कराया गया है। 

ग्राम पंचायत घुघरी के विनोद राम ने बताया कि उनके गांव में अक्टूबर और नवम्बर में मनरेगा का कार्य चालू होता है। उसमें गांव के लोग काम करने जाते हैं। गाव के लोगों का जॉब कार्ड है। मनरेगा में कार्य करके सभी परिवार मिलकर  28 हजार रूपए कमा लेते हैं। इसे घर परिवार अच्छा से चल रहा है। 

महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से 36 स्व सहायता समूहों का गठन कर 412 महिलाओं को  स्वरोजगार से जोड़ा गया है। ग्राम पंचायत घुघरी की यह कहानी संवरते छत्तीसगढ़ के सुरक्षित होते भविष्य की कहानी है।

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