श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े पहले कश्मीरी पंडित टीका लाल टपलू को याद किया, जिनकी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मेगा रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "हमने टीका लाल टपलू के सम्मान में एक योजना शुरू करने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कश्मीरी पंडितों को उनके अधिकार तेजी से मिलें।"
कौन थे टीका लाल टपलू?
टीका लाल टपलू का नाम कश्मीरी हिंदुओं के इतिहास में एक प्रमुख स्थान रखता है। टपलू कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े नेता, पेशे से वकील और घाटी के शुरुआती भाजपा नेताओं में से एक थे, जिनकी हत्या यासीन मलिक के जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकवादियों द्वारा उग्रवाद के अशांत वर्षों के दौरान की गई थी। टपलू का जन्म श्रीनगर में हुआ था, उन्होंने पंजाब और उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त की, लेकिन वे अपने मूल स्थान यानी जम्मू और कश्मीर में काम करने के लिए वापस आ गए थे।
वह एक प्रखर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने कश्मीर में भाजपा की विचारधारा का प्रसार किया। 1989 में आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के बाद से ही कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। टपलू की हत्या कश्मीर घाटी में उन कश्मीरी हिंदुओं के लिए एक चेतावनी के रूप में मानी गई थी जो आतंकवादियों के खिलाफ मुखर थे। हालांकि टपलू की हत्या ने कश्मीरी हिंदुओं को जागरूक किया और उन्हें संगठित किया, जो कश्मीर से विस्थापित होने वाले हिंदुओं के अधिकारों के लिए आज भी लड़ाई लड़ रहे हैं।
टीका लाल टपलू योजना क्या है?
टीका लाल टपलू योजना कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और घाटी में उनकी सुरक्षित वापसी के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। ‘टीका लाल टपलू विस्थापित समाज पुनर्वास योजना’ विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और जम्मू-कश्मीर के सभी विस्थापित व्यक्तियों के लिए लाभ सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि वह इस योजना के तहत कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसके तहत उन्हें पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता, मकान, नौकरियों में आरक्षण, और सुरक्षा के प्रबंध मुहैया कराने की बात कही गई है।
आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ (घोषणापत्र) में भी टीका लाल टपलू विस्थापित समाज पुनर्वास योजना के माध्यम से कश्मीरी पंडितों की ‘घर वापसी’ का वादा किया गया है। इसके अलावा, घोषणापत्र में कई वादे शामिल हैं, जिनमें घाटी से आतंकवाद का सफाया, हिंदू मंदिरों और तीर्थस्थलों का पुनर्निर्माण, और सरकार के लिए काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करना आदि। लेकिन सबसे खास बात यह है कि पार्टी ने अपने मूल वोट बैंक - कश्मीरी पंडितों - को संबोधित करते हुए सरकार बनने पर टीका लाल टपलू के नाम पर योजना के माध्यम से उनके लिए 'घर वापसी' का वादा कर रही है।