बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस जबसे सत्ता पर काबिज हुए हैं, तभी से बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियां तेज हो गई है. हालांकि यूनुस लंबे समय से समानता और निष्पक्षता का राग अलापते रहे हैं. बुधवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अपने पड़ोसी देश भारत समेत अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन यह संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए.
मुहम्मद यूनुस ने एक टेलिविजन चैनल के जरिए अपने संबोधन में कहा कि मुख्य सलाहकार की सपथ लेने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें फोन करके शुभकामनाएं दी थी.
मुहम्मद यूनुस ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि बांग्लादेश ने बाढ़ से निपटने के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को लेकर उच्च स्तरीय बातचीत शुरू कर दी है. यूनुस ने कहा कि उन्होंने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए सार्स को पुनर्जीवित करने की पहल की है. दरअसल, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, मालदीव, और श्रीलंका शामिल हैं. यूनुस ने कहा कि वह चाहते हैं कि बांग्लादेश को पूरी दुनिया एक सम्मानित लोकतंत्र के रूप में मान्यता दे.
यूनुस छह आयोगों का कर रहे गठन
यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के भीतर चुनाव प्रणाली, न्याय पालिका, पुलिस प्रशासन और संविधान समेत प्रमुख छह क्षेत्रों में सुधार के लिए आयोग के गठन को लेकर कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा सभी छह आयोगों द्वारा 1 अक्टूबर से काम शुरू करने की उम्मीद है, साथ ही अगले तीन महीनों में वे काम को पूरा कर लेंगे. उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य सभी को समान अधिकार सुनिश्चित कराना है. यूनुस ने कहा कि 'हमारे पास बहुत काम है और हम एक साथ मिलकर एक लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ना चाहते हैं. बांग्लादेश के भीतर हम एक ऐसा ढांचा खड़ा करना चाहते हैं, जिससे बांग्लादेश के भीतर छिपी हुई प्रतिभायें बाहर आ सकें.'
दरअसल, बांग्लादेश में भारी छात्र प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया है. अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को बनाया गया है. मुहम्मद यूनुस अब भारत को आंख दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.