शतरंज प्रतियोगिता में पहला स्थान मोबिन फारुकी और दूसरा स्थान क्षितिज शर्मा



रायपुर। आंजनेय विश्वविद्यालय और चेस सिटी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में शतरंज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में 208 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल रहे। उन्होंने कहा कि शतरंज का खेल जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसमें लिए जाने वाले फैसले और रणनीतियाँ हमारे जीवन के निर्णयों को प्रतिबिंबित करते हैं। शतरंज सिखाता है कि सोच-समझकर और धैर्यपूर्वक निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण है, ठीक वैसे ही जैसे जीवन में हमें हर कदम पर विचार करना पड़ता है। शतरंज धैर्य, योजना और सही समय पर सही निर्णय लेने की कला सिखाता है, जो हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफलता के लिए आवश्यक गुण हैं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में शतरंज ध्यान और योग की तरह है, क्योंकि यह मानसिक एकाग्रता, धैर्य और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। जैसे योग शरीर और मन को संतुलित करता है, वैसे ही शतरंज मस्तिष्क को सक्रिय रखता है और सोचने-समझने की क्षमता को विकसित करता है । 

उद्घाटन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल डॉ बी सी जैन ने इंडोर स्पोर्ट्स के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि खेल के प्रति लगाव जीवन में अनुशासन को बढ़ाता है। खेल में नियमित अभ्यास, नियमों का पालन और धैर्य की आवश्यकता होती है। यह जीवन में समय प्रबंधन, संयम और लक्ष्य प्राप्ति के प्रति समर्पण सिखाता है। खेल भावना से व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में भी अनुशासन बनाए रखता है । 

इवेंट कोर्डिनेटर परेश बुधवानी ने बताया कि यह प्रतियोगिता स्विस फॉर्मेट के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें कुल 8 राउंड हुए । वहीं सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।


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