दुर्ग। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि अटल टिकरिंग लैब कक्षा छटवीं से बारहवीं तक विद्यार्थियों के लिए खोज एवं आविष्कार का प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ-साथ बच्चों में रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच विकसित करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यार्थियों को इस लैब का अधिकत्तम लाभ दे सकते हैं। कलेक्टर सुश्री चौधरी आज शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वैशालीनगर में अटल टिकरिंग लैब के नोडल शिक्षकों का दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान युग डिजीटल युग हैं, इसमें आने वाले पीढ़ी को कम्प्यूटर कोडिंग की भाषा जानना बहुत आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि भविष्य में बच्चों को लैब के माध्यम से कोडिंग प्रशिक्षण दिये जाने की योजना है। इस अवसर पर कलेक्टर ने अटल टिकरिंग लैब में विद्यार्थियों के द्वारा तैयार किये गये प्रादर्शों का अवलोकन कर उन्हें प्रोत्साहित किया।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के पहल पर जिले में पहली बार समस्त शासकीय विद्यालयों में संचालित अटल टिकरिंग लैब के नोडल शिक्षकों का दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वैशाली नगर में किया जा रहा है। समग्र शिक्षा, जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से जिले के सभी अटल टिकरिंग लैब के सुदृढ़ीकरण एवं बालिकाओं के लिए कोडिंग कार्यक्रम का शुभारंभ जिले में किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मक विचार, समस्या को चिन्हित करने, कम्प्यूटर एवं डिजीटल की ओर समक्ष बनाना है। इस कार्यशाला में जिले के 20 नोडल शिक्षक सम्मिलित हुए है। कार्यशाला में यूनीसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ श्रीमती छाया कवंर एवं समन्वयक सुश्री रंजू के द्वारा लेट्स कोड प्रोग्राम फॉर गर्ल्स के पोस्टर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर सहायक संचालक श्री अमित घोष एवं समग्र शिक्षा के सहायक जिला परियोजना अधिकारी जे. मनोहरण, विद्यालय की प्राचार्या संगीता बघेल वैशाली नगर की पार्षद, स्मृता दौड़के एवं विधायक प्रतिनिधि नमीता हाण्डा और विद्यालय के शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।