रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवर को उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के गठन का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अनुशंसा और भारत सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की सहमति के अनुसार मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों में स्थित गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान तथा तमोर पिंगला अभ्यारण्य के क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए 2829.387 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अनुशंसा और भारत सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सहमति के अनुसार इस निर्णय को स्वीकृति प्रदान की है।
गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के गठन की आगे की कार्यवाही हेतु वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को अधिकृत किया गया है।
टायगर रिजर्व के गठन से राज्य में ईको-पर्यटन का विकास होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। कोर और बफर क्षेत्र में स्थित ग्रामीणों को गाईड, पर्यटक वाहन, रिसोर्ट संचालन जैसी गतिविधियों में रोजगार मिलेगा।
राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टायगर ऑथोरिटी से टायगर रिजर्व में कार्य करने के लिए अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा, जिससे क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए-नए कार्य किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निर्णय राज्य के वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को सशक्त बनाएगा और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। टायगर रिजर्व के गठन से न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।