कोलकाता में डॉक्टर्स का बड़ा मार्च, सीबीआई दफ्तर से स्वास्थ्य भवन तक प्रोटेस्ट

कोलकाता। कोलकाता कांड के 13 दिन हो गए हैं. अस्पताल में डॉक्टर बेटी से दरिंदगी को लेकर इंसाफ का अब भी इंतजार है. देशभर के डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस बीच, बुधवार को डॉक्टर्स का बड़ा मार्च निकाला जा रहा है. इस मार्च में आरजी कर अस्पताल से जुड़े 250 डॉक्टर्स हिस्सा लेने पहुंचे हैं. अन्य संगठनों ने भी पैदल मार्च को समर्थन दिया है. ये मार्च सीबीआई दफ्तर से स्वास्थ्य भवन तक निकाला जाएगा. एक दिन पहले मंगलवार को भी डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला था. आज पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली भी अपनी पत्नी डोना गांगुली के साथ इंसाफ के लिए कोलकाता में मार्च करने वाले हैं. 

दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 9 अगस्त की रात 31 साल की महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद हुआ था. महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या की गई थी. इस वारदात के आज 13 दिन बीत गए हैं. कोलकाता से लेकर दिल्ली तक सियासत हो रही है. मामले में पहले पुलिस ने जांच की और आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर जेल भेजा. अब 7 दिन से सीबीआई की जांच जारी है. कोलकाता की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए देशभर में विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. 

- बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टर और अन्य संगठन एक बार फिर कोलकाता की सड़कों पर उतरे. इन लोगों के हाथों में इंसाफ की मांग को लेकर तख्तियां हैं और नारेबाजी की जा रही है. प्रदर्शनकारी डॉक्टर सीबीआई दफ्तर से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाल रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि ये प्रोटेस्ट तब तक जारी रहेगा, जब तक बेटी को न्याय नहीं मिल जाएगा और दोषी को सजा नहीं हो जाएगी. हमारी प्रदर्शन रुकने वाला नहीं है.

- आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ और हमले की घटना से भी डॉक्टर्स में भारी नाराजगी है. अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी गई है. बुधवार को सीीआईएसएफ के डीआईजी आरजी कर अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा का जायजा लिया.

- वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मामले की जांच में शामिल पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की है. चौधरी का कहना है कि पुलिस आयुक्त और अन्य आधिकारिक व्यक्तियों का पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट किया जाना चाहिए जो आरजी कर हत्या मामले की जांच से जुड़े हैं. सिर्फ संदीप घोष और संजय रॉय इस मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए पर्याप्त नहीं हैं बल्कि इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं. जिन लोगों ने जांच में अहम भूमिका निभाई, उनका पॉलीग्राफी जरूर किया जाना चाहिए. क्योंकि उन्होंने मामले को बदलने की कोशिश की और भ्रमित भी हुए.

- चौधरी का कहना है कि बंगाल की सीएम एक महिला हैं वो क्यों नहीं डॉक्टर से जाकर बात कर रही हैं? टीएमसी वाले सिर्फ बयानबाजी करते हैं. ममता सिर्फ अपने अहंकार के चक्कर में डॉक्टरों से बात नहीं कर रही हैं. ममता बंगाल के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं.

- पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के कल के फैसले से पता चलता है कि कोर्ट को ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार पर भरोसा नहीं है और पुलिस आयुक्त को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए. राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व की सरकार में एक के बाद एक महिलाओं पर हमले हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि ममता बनर्जी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए हमारी मांग है कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. हम 5 सितंबर तक विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं.


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