पटना। पूर्व विधायक अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने एके 47 और बुलेट प्रूफ मामले में उन्हें बरी कर दिया है। सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी किया है। पटना सिविल कोर्ट ने इस मामले में अनंत सिंह को 10 साल की सजा सुनाई थी। 2016 से ही अनंत सिंह जेल में बंद हैं। अनंत सिंह के खिलाफ फिलहाल कोई भी मामला लंबित नहीं है। लिहाजा अनंत सिंह आज या कल बेऊर जेल से बाहर आ जाएंगे।
लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने इलाके में जदयू उम्मीदवार ललन सिंह के लिए खूब चुनावी मदद की। अनंत सिंह ने तब कहा था कि वह जल्द ही हमेशा के लिए बाहर आ जाएंगे. अनंत सिंह कहते रहे हैं कि उन्हें आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह ने जानबूझकर फंसा दिया था। हालांकि तब अनंत सिंह विपक्ष के साथ थे। अब राजनीतिक परिस्थितियां बदल चुकी हैं। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी जो राजद की विधायक थी, अब पाला बदलकर जदयू में आ गई हैं।
अनंत सिंह ने खुद पैरोल के दौरान जदयू उम्मीदवार ललन सिंह की उस वक्त चुनावी मदद की जब ललन सिंह से अनंत सिंह के स्वजातीय वोटर नाराज थे। उनकी चुनावी गाड़ी मोकामा और आसपास के इलाके में फंसी हुई थी, जिसे अनंत सिंह ने धक्का देकर निकाला था।
मोकामा को अनंत सिंह का अभेद्द किला माना जा रहा है. साल 2005, 2010 और 2015 में ललन सिंह ने उन्हें तगड़ी टक्कर दी थी. साल 2010 और 2005 में ललन सिंह रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी से चुनावी मैदान में उतरे थे. एकबार ललन सिंह अनंत सिंह से महज दो हजार वोटों से पीछे रह गए थे।