अंतराष्ट्रीय अधिकार संरक्षण आयोग के मिडिया प्रभारी अफरोज ख्वाजा ने जानकारी देते हुवे कहा की कुछ निजी अस्पतालों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं । कि आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन में बड़ी दिक्कत निजी अस्पतालों की मनमानी से आ रही है।
जमीनी हकीकत यह है कि निजी अस्पतालों में मरीज को मनमानी तरीके से कार्ड के लाभ से दूर किया जा रहा है। कुछ निजी अस्पतालों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों में खास तौर पर मरीज से धन वसूली, इलाज के लिए रकम लेना, महंगी जांच और अधिक कीमत की दवाइयां लेने लेकिन हाल फिलहाल मे मरीजों को आयुष्मान कार्ड से कोई खास उचित राहत नहीं मिल पा रही है।
अक्सर सर्वर डाउन, लिंक फेल, सन्डे एक्टिव नहीं होता बोलके नगदी उगाही किया जा रहा है? आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना 2018 में शुरू की थी जिसमें कई राज्य फिलहाल जुड़ चुके हैं। लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन में बड़ी दिक्कत कुछ निजी अस्पतालों की मनमानी से आ रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 1 लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करना और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रु. सालाना स्वास्थ्य बीमा से जोड़ना है। इसके विपरीत कार्य बहुत से हॉस्पिटल मे देखने को मिल रहे है। आयुष्मान कार्ड को साथ मे लेके जाने के बाद भी नगदी जमा की मांग की जाती है। लम्बी – चौड़ी जांच लिख दी जाती है। जो कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत नहीं आता है। यह कहके पैसे लिए जाते है।जिससे गरीब निर्धन मरीजों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।