पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी, इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया था, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछले समय मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था बहुत सारे अपने निर्माण कार्य, बहुत सारे आजीविका के कार्यों और साथ ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी।
सुकमा वो जगह थी जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी क्रोस करके आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते जाते हैं। यहां के आवागमन में परिवर्तन हुआ है। छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से ना जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं।
कोंटा में भी अब कच्चे मार्ग का निर्माण तेजी से हो रहा है। पक्की सड़कों का निर्माण हो रहा है। गिट्टी, मुरुम का कार्य हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए। पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि पूरे सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं।
आज मुझे इस बात की खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है।
मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, मजदूर कार्ड बन गया है। उन तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। यह सब जनप्रतिनिधियों के मेहनत से अधिकारियों के साहस से यह संपन्न हुआ। आज यहां आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।