प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछली सरकारों में कल्याणकारी योजनाएं वातानुकूलित कमरों में बैठकर बनाई जाती थीं, बिना यह जाने कि जमीन पर उनका (योजनाओं का) क्या असर हो रहा है. अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सच्ची धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय का उदाहरण बताया.
पीएम मोदी ने कहा ''पिछली सरकारें बिना जमीनी सच्चाई देखे, अपनी योजनाएं वातानुकूलित कमरों में बैठकर बनाती थीं, लेकिन अब भाजपा सरकार ने संवाद की एक नई परंपरा शुरू की है.''
उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए प्रधानमंत्री का दूसरा पड़ाव वाराणसी था.इससे पहले गोरखपुर में उन्होंने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया. गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर उन्होंने दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई.
दोनों ही शहरों में उन्होंने अनेक विकास परियोजनाओं का अनावरण किया. वाराणसी में पीएम मोदी ने 12,100 करोड़ रुपये की 29 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया.
उन्होंने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन का शुभारंभ किया. 6,760 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित यह नई लाइन माल की तेज और अधिक कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी.
पीएम मोदी ने कहा, ''जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया, उनके शासन के मूल में ही बेईमानी रही. और जब ऐसा होता है तो चाहे कितना भी धन इकट्ठा हो, तो कम ही पड़ता है. 2014 से पहले भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों की सरकारों के दौरान ऐसा ही कारोबार चलता था.''
उन्होंने कहा, ''बजट की जब भी बात आती थी, तो घाटे का, नुकसान का ही बहाना होता था. आज गरीब कल्याण हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट की कोई कमी नहीं है. वही करदाता हैं, वही सिस्टम है. लेकिन सरकार बदली है, नीयत बदली है, तो परिणाम भी बदले दिख रहे हैं.''
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''पहले भ्रष्टाचार और कालाबाजारी की खबरों से अखबार भरे रहते थे. अब नई परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण की खबरें अखबारों में छाई रहती हैं.''
उन्होंने कहा, ''बीते 9 वर्षों में आए परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण, भारतीय रेल है. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी मालगाड़ियों के लिए विशेष पटरियों की योजना 2006 में शुरू हुई थी. लेकिन 2014 तक एक किलोमीटर ट्रैक भी नहीं बिछ पाया था. एक किलोमीटर भी नहीं.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''पिछले 9 वर्षों में इसका एक बहुत बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है. इस पर मालगाड़ियां चलनी शुरु कर चुकी हैं. आज भी दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से न्यू सोननगर खंड का लोकार्पण किया गया है. इससे मालगाड़ियों की गति तो बढ़ेगी ही, पूर्वांचल में, पूर्वी भारत में रोजगार के अनेक नए अवसर बनेंगे.''
उन्होंने कहा कि ''आज भी गोरखपुर से दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई है. एक ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ के लिए चली है और दूसरी अहमदाबाद से जोधपुर रूट पर चली है. देश के मध्यम वर्ग में ये वंदे भारत इतनी सुपरहिट हो गई है, कि कोने-कोने से इसके लिए मांग आ रही है. वो दिन दूर नहीं, जब वंदे भारत, देश के कोने-कोने को जोड़ेगी.''
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को तीन रेलवे लाइन भी समर्पित कीं जिनका विद्युतीकरण या दोहरीकरण 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया गया है, इनमें गाजीपुर-औड़िहार रेल लाइन, औड़िहार-जौनपुर रेल लाइन और भटनी-औड़िहार रेल लाइन शामिल हैं.
करीब 2750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड का चार-लेन चौड़ीकरण भी पूरा हुआ और इसे भी राष्ट्र को समर्पित किया गया.
प्रधानमंत्री ने जिन अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें 18 पीडब्ल्यूडी सड़कों का निर्माण और नवीनीकरण, बीएचयू परिसर में अंतरराष्ट्रीय महिला छात्रावास के भवन का निर्माण, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) - ग्राम करसड़ा में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, पुलिस स्टेशन सिंधौरा, पीएसी भुल्लनपुर, फायर स्टेशन पिंडरा आदि शामिल हैं.
इसके अलावा उन्होंने सरकारी आवासीय विद्यालय तरसदा में आवासीय भवन और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन के भवन का उद्घाटन किया. मोदी ने अनेक परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी.
समारोह के दौरान उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत ऋण और पीएमएवाई ग्रामीण आवास की चाबियां और आयुष्मान कार्ड भी लाभार्थियों को वितरित किए.
पीएम मोदी ने पांच लाख पीएमएवाई लाभार्थियों के 'गृह प्रवेश' की घोषणा के साथ 1.25 लाख पीएम स्वनिधि ऋण और 2.88 करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरण का भी ऐलान किया. दोनों ही स्थानों पर आयोजित समारोहों में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे.