

रायपुर। कांग्रेस भवन में आज प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से मिलने प्रदेशभर से नेता पहुंचे हैं. यहां नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई है. मंत्री रवींद्र चैबे समेत कई विधायकों ने भी प्रदेश प्रभारी सैलजा से मुलाकात की. कुमारी सैलजा नेताओं से वन टू वन मुलाकात कर रही हैं. वे बंद कमरे में नेताओं से चर्चा कर रहीं है . कई दावेदार बॉयोडाटा लेकर कांग्रेस भवन पहुंचे हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए संगठन में कई बड़े बदलाव किए हैं. पार्टी ने कई राज्यों के अध्यक्ष बदल दिए हैं. बाबूलाल मरांडी को झारखंड का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, सुनील जाखड़ को पंजाब का अध्यक्ष बनाया गया है. इनके अलावा जी किशन रेड्डी को तेलंगाना का नया पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है. यही नहीं, डी पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है.
फरवरी 2020 में बाबूलाल मरांडी बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें नेता प्रतिपक्ष भी बनाया गया था. हालांकि, अब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें प्रदेश में पार्टी की कमान दे दी गई है. यानी अब वो झारखंड बीजेपी के नए अध्यक्ष होंगे. इसी प्रकार कभी कांग्रेस के बड़े नेता रहे सुनील जाखड़ को पंजाब बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है.
सबसे बड़ा उलटफेर तेलंगाना में हुआ है, जहां भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को हटा दिया है और उनकी जगह केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जिम्मेदारी दी गई है. बंदी संजय कुमार जमीन पर काफी सक्रिय थे लेकिन बताया जाता है कि वो संगठन को एक साथ लेकर चलने में असफल रहे, इसी वजह से पार्टी ने ये फैसला लिया.
हालांकि, जी किशन रेड्डी को अब केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देना होगा. वो अब प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसे में उनकी जगह किसी दूसरे चेहरे को पार्टी केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल कर सकती है. संभावना जताई जा रही है कि 9 से 10 जुलाई तक केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी फेरबदल हो सकता है
आंध्र प्रदेश में एनटी रामा राव की बेटी डी पुरंदेश्वरी को पार्टी की कमान दी गई है. इससे पहले वो पार्टी की महासचिव के रूप में काम कर रही थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह समेत वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में कई फैसलों पर मुहर लगी है. राज्य में संगठन स्तर पर किए गए बदलाव इसी का हिस्सा हैं. इसके तहत राज्यस्तर पर बदलाव के बाद केंद्र स्तर पर संगठन में बदलाव देखने को मिल सकता है. इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट में भी फेरबदल की संभावना है.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर बीजेपी (BJP) के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करने जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव चरणबद्ध तरीके से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे.
इस प्लान पर होगा काम
अखिलेश यादव अपनी इस यात्रा में हर लोकसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे. इस दौरान वो बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान उनका फोकस किसानों से संबंधित मुद्दों पर भी होगा. सपा (SP) के एक पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी आलाकमान पहले जिला यूनिटों और फ्रंटल संगठनों में नई नियुक्तियां करेगा. इसके साथ ही सपा की राज्य कार्यकारिणी का पुनर्गठन होगा. गौरतलब है कि पिछले साल रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर उपचुनावों में हार के बाद, अखिलेश यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी (राष्ट्रीय और राज्य अध्यक्षों के पदों को छोड़कर) को भंग कर दिया था.
इस फॉर्मूले पर जोर
आपको बताते चलें पिछले साल के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भी अखिलेश यादव ने पूरे उत्तर प्रदेश का व्यापक दौरा किया था. वहीं 2017 के मुकाबले सपा की सीटें बढ़ने में ये भी एक अहम फैक्टर रहा था. पार्टी में शिवपाल यादव की एंट्री हो चुकी है. इसके साथ ही पश्चिमी यूपी में जाट वोटों को साधने के लिए समाजवादी पार्टी जयंत चौधरी पर एक बार फर से बड़ा दांव खेल सकती है. ऐसे में अखिलेश की नई मुहिम में पश्चिमी यूपी के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी के शामिल होने की संभावना है.
गौरतलब है कि बीजेपी भी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी को अपना अभेद किला बनाए रखना चाहती है. ऐसे में बीजेपी के कई नेता पीएम मोदी और पार्टी के बाकी वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर जनता के बीच जा रहे हैं.।
रायपुर/ 12 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन रायपुर में आज 12 जनवरी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी, युवक कांग्रेस, सेवादल, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, इंटुक एवं समस्त मोर्चा संगठनों, प्रकोष्ठों, विभागों के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनायी गयी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित किया।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री पीयूष कोसरे, सेवादल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण ताम्रकार, राशी त्रिभुवन महिलांग, मेहमूद अली, आरिश अनवर, भोलाराम नेताम, प्रताप नारायण कांग्रेसजन उपस्थित थे।
आदिवासी समाज के आरक्षण के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाये जाने का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस कदम से साफ हो गया कि कांग्रेस आदिवासी समाज को उनका आरक्षण देने के लिये प्रतिबद्ध है और भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार की बदनीयती और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट में आदिवासी समाज का आरक्षण कम हुआ है और आदिवासी समाज का 32 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने कांग्रेस सरकार प्रयास कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण की कटौती को लेकर भाजपा के द्वारा किये गये चक्का जाम की नौटंकी को जनता और आदिवासी समाज ने नकार दिया। प्रदेश में कही भी चक्का जाम सफल नहीं हुआ। लोग समझ चुके है कि रमन सरकार की लापरवाही ओर बदनीयती के कारण ही होईकोर्ट में आरक्षण कम हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की बदनीयती के कारण ही यह अप्रिय स्थिति निर्मित हुई है। आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था। तत्कालीन रमन सरकार अपने इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पायी। 2012 में बिलासपुर उच्च न्यायालय में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर हुई तब भी रमन सरकार ने सही ढंग से उन विशेष कारणों को प्रस्तुत नहीं किया जिसके कारण राज्य में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया। आरक्षण को बढ़ाने के लिये तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में मंत्री मंडलीय समिति का भी गठन किया था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी कमेटी बनाई गयी थी। रमन सरकार ने उसकी अनुशंसा को भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिसका परिणाम है कि अदालत ने 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया। रमन सरकार की बदनीयती से यह स्थिति बनी है।
रायपुर/ 29 अक्टूबर 2022। विभिन्न निगम मंडलों, आयोगों, में अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, सदस्यों के रूप में कार्यकताओं की नियुक्ति के लिए कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का, कांग्रेस संगठन का आभार। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पार्टी के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सरकार ने सम्मान किया हैै। विपक्ष में रहने के दौरान संगठन में सक्रिय रहकर तत्कालीन भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेसजनों के योगदान को पार्टी ने सम्मानित किया है। निश्चित तौर पर इन नियुक्तियों से सरकार के जनहित कार्यो को संपादित करने के लिये बहुत ज्यादा सहुलियत होगी। इन कांग्रेसजनों का अनुभव सार्वजनिक जीवन में उनकी सक्रियता और जनमानस से जीवंत संपर्क से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार में ओर तेजी आयेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को इन नियुक्तियों से किस बात की पीड़ा हो रही है। 15 साल तक जब भाजपा की सरकार तब भाजपा कार्यकर्ताओ को विभिन्न निगम, मंडल, आयोगों में नियुक्तिया दी थी कांग्रेस पार्टी की सरकार है। कांग्रेस संगठन और कांग्रेस की विचारधारा के आधार पर राजनैतिक रूप से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया हैै। भाजपा के द्वारा इन नियुक्तियों के संदर्भ में की जा रही बयानबाजी अनैतिक और अनुचित और अवांक्षित है। भाजपा को यह नियुक्तियां गलत लगती है तो वह रमन सरकार के तीनों कार्यकाल के दौरान विभिन्न निगम मंडल, आयोगों में की गयी नियुक्तियों को भी गलत मानती है क्या? छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन भाजपा मानसिक दिवालियेपन के दौर से गुजर रही है। भाजपा की सरकार ने नियुक्तियां किया था तो ठीक कांग्रेस की सरकार नियुक्तियां कर रही तो गलत, यह दोेहरा रवैया भाजपा के असली चरित्र को दिखाता है।
नानी ने शादी के जेवर बेचकर खरीदा था ब्रिटेन का टिकट, संघर्षों की बुनियाद पर खड़ी है सुनक की सफलता की इमारत
ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का चार्ज ले चुके हैं. उनके पीएम चुने जाने के बाद से ही भारत में उनकी काफी चर्चा हो रही है. इसकी वजह उनका भारतीय मूल का और हिंदू होना है. लोग उन्हें जमकर बधाइयां दे रहे हैं. इसके अलावा लोग उनके और उनके परिवार के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाह रहे हैं. आज हर तरफ ऋषि सुनक की सफलता की चर्चा हो रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सक्सेस यूं ही मिल गई हो, यहां तक पहुंचने के लिए ऋषि सुनक ने और उनके परिवार ने काफी संघर्ष भी किया है. आइए जानते हैं ऋषि के परिवार से जुड़ा एक ऐसा ही संघर्ष जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
नानी के एक फैसले से बदला सबकुछ
ऋषि सुनक के नाना और नानी पंजाब मूल के थे. ये लोग वर्ष 1960 में परिवार के साथ तंजानिया पहुंचे थे, लेकिन वहां पर इनका गुजारा नहीं हो पा रहा था. इस बीच ऋषि सुनक की नानी जिनका नाम सरक्षा था, ने ब्रिटेन जाने का प्लान बनाया. वहां जाने के लिए टिकट के पैसे नहीं थे, तो उन्होंने अपनी शादी के जेवर बेच दिए. पर जेवर बेचकर भी वह सिर्फ एक ही टिकट खरीद पाईं. वह खुद ब्रिटेन चली गईं, जबकि ऋषि सुनक की मां ऊषा समेत उनके तीन औऱ बच्चे और पति तंजानिया में ही रह गए. सरक्षा ने ब्रिटेन के लिसेस्टर में एक बुक कीपर की नौकरी की और एक साल के अंदर रुपये जमाकर तंजानिया से बाकी परिवार को भी ब्रिटेन बुला लिया.
पिता ने संघर्ष के बाद भी एजुकेशन पर दिया जोर और बदली किस्मत
ऋषि सुनक की मां और नानी जैसा ही संघर्ष उनके पिता के परिवार ने किया. ऋषि सुनक के पिता अविभाजित भारत के गुजरांवाला से नैरोबी पहुंचे थे और फिर रोजगार की तलाश में ब्रिटेन आ गए थे. परिवार को शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन उनके पिता ने बच्चों की शिक्षा पर काफी ध्यान दिया और इसी वजह से उनका संघर्ष अच्छे दिन में बदला. ऋषि सुनक की मां ऊषा और उनके पिता यशवीर की शादी वर्ष 1977 में हुई थी. शादी के कुछ साल बाद ऋषि सुनक का जन्म हुआ. इसके बाद ऋषि का एक छोटा भाई संजय सुनक और एक छोटी बहन राखी भी हुई. संजय सुनक प्रोफेशनली मनोचिकित्सक हैं, जबकि बहन राखी संयुक्त राष्ट्र में काम करती हैं. इन तीनों ने अपनी सफलता एजुकेशन के दम पर ही हासिल की.
23 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए हैं। हाल ही में हुए चुनाव में खड़गे को 7897 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 1072 वोट मिले।
रायपुर/16 सितंबर 2022। भाजपा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की म सरकार ने छत्तीसगढ़ पुलिस को जनता को कानूनी मदद करने में अव्वल पाकर पुरस्कृत किया है और एनसीआरबी की रिपोर्ट बता रही है कि छत्तीसगढ़ में अपराधिक घटनाओं में पूर्व की अपेक्षा 28 प्रतिशत की कमी आई है। ऐसे में भाजपा को अपराधिक घटनाओं पर बयान देने से पहले पूर्व के रमन सरकार के दौरान घटित अपराधिक घटनाएं और वर्तमान समय में अपराधिक घटनाओं में हुई कमी का अध्ययन करना चाहिए एनसीआरबी की रिपोर्ट बता रही है कि 15 साल में लूट बलात्कार हत्या अपहरण डकैती चाकूबाजी की जो घटनाएं होती रही है उसमें वर्तमान में 28 प्रतिशत की कमी आई है 2017 में रमन सरकार के दौरान अपराधिक मामलों में छत्तीसगढ़ देश में 15वें स्थान पर था अब 52 नम्बर पर है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान शाम को 6ः00 बजे थानों का मुख्य द्वार बंद हो जाता था अपराध करने के बाद अपराधी बेखौफ घूमते थे और पीड़िता का एफ आई आर दर्ज नहीं होता था डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते उनके ओएसडी ओपी गुप्ता के ऊपर बलात्कार के आरोप लगे तो 4 साल तक रमन भाजपा की सरकार ने पीड़िता का एफआईआर दर्ज होने नहीं दिया था। 15 साल में भाजपा ने छत्तीसगढ़ को शराब माफिया गांजा माफिया रेत माफिया मानव तस्कर ड्रग तस्कर कोल माफिया का गढ़ बना दिया था। सारे माफियाओं का कनेक्शन सीधा भाजपा नेताओं के साथ था अपराधी के आगे पुलिस बेबस और कमजोर महसूस करती थी।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने 15 साल के रमन भाजपा सरकार के दौरान पंनपे माफिया राज को खत्म किया है जितने भी तस्करों के गिरफ्तारी हुई है उनका संबंध सीधा भाजपा नेताओं के साथ निकला है गुढ़ियारी में चाकूबाजी करने वाला भी पूर्व भाजपा पार्षद का पुत्र निकला।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूरा प्रदेश में देखा है किस प्रकार से राजेश मूणत ने पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की किया, गाली गलौज किया, अभद्रता किया है। मुख्यमंत्री निवास घेराव के दौरान भी भाजपा के नेता पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों के साथ गुंडागर्दी करते दिखे हैं कि भाजपा अपराधियों का संरक्षक है भाजपा अपराधियों का घर है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में 17 प्रतिशत की राज्य में लूट डकैती के अपराधो में भी कमी आयी है। 2016-17-18 के तीन साल में डकैती के 214 अपराध हुये थे। कांग्रेस राज में 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में यह घट कर 196 तक पहुंच गयी। एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में दर्ज लूट की सभी घटनाओं के अपराधियों को पकड़ा गया है। 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में हत्या के अपराधों में भी गिरावट 28 प्रतिशत की कमी आयी है। भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के दौरान प्रदेश से 27 हजार से अधिक महिलाएं गायब हुई जिस पर भाजपा नेता मौन रहे। गंगा पांडे जैसे भाजपा नेता मानव तस्करी में संलिप्त रहे। झलियामारी, मीना खलखो और मन मड़कम हिड़मे जैसे बलात्कार और हत्या के प्रकरण रमन राज में होते है। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी ओपी गुप्ता को रमन सरकार के दौरान मुख्यमंत्री निवास में संरक्षण मिलता रहा। जगत पुजारा, पोडियम लिंगा और धर्मेंद्र चोपड़ा जैसे भारतीय जनता पार्टी के एजेंटों का नक्सल कनेक्शन भी सर्वविदित है। नक्सल घटनाओं में 77 परसेंट और नक्सल हमलों में शहादत में 52 प्रतिशत की कमी एक बड़ी उपलब्धि है।
रायपुर/05 जुलाई 2022। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून का राज है। यहां किसी भी तरह का कोई अपराधी बच नहीं सकता। किसी भी घटना के आरोपी जल्द से जल्द कानून की गिरफ्त में होते हैं। जांजगीर चांपा जिले में दुष्कर्म और हत्या की वारदात अक्षम्य है। ऐसी घटना के आरोपी कोई हो उनको बख्शा नहीं जायेगा। पुलिस ने आरोपी का पता लगाकर जल्द से गिरफ्तार किया है। कानून से बड़ा कोई अपराधी नहीं हो सकता। भाजपा के राज में तो ज्ञात अपराधी भी खुले आम घूमते थे। भाजपा ने पंद्रह साल तक जंगल राज चलाया। महिलाओं के लिये जीवन जीने के लिये भय मुक्त वातावरण देना कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विष्णुदेव अपने गिरेबान में झांक कर बताये कि भाजपा राज में गायब छत्तीसगढ़ की हजारों बेटियां कैसे गायब हो गयी। वे बतायें की भाजपा के राज में झलियामारी जैसे कांड क्यों होते थे, खलको जैसी घटनाएं किसके संरक्षण में होती थीं? भाजपा राज के मुख्यमंत्री रमन सिंह के ओएसडी किसके संरक्षण में नाबालिग बच्ची को बंधक बनाकर बलात्कार कर रहे थे, भेद खुला तो पीड़िता बच्ची के परिवार तक का अपहरण कर लिया। जिनका ऐसा चरित्र, चाल और चेहरा सामने आ चुका है, वे दुष्कर्म की वारदात पर राजनीति कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को यह नागवार गुजरता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने नक्सलवाद को समेटकर विकास और विश्वास की धारा से जोड़ने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। आदिवासी महिलाओं का शोषण बंद हुआ है। अपराधी वारदात के बाद फौरन पकड़े जा रहे हैं। राज्य में भाजपा शासनकाल के आपराधिक आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ तब था। अब साढ़े तीन साल से छत्तीसगढ़ विकास, लोक समृद्धि और जन सुरक्षा का पर्याय है। जबकि भाजपा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के एजेंडे पर चल रही है। छत्तीसगढ़ सतर्क है। यहां किसी तरह की साजिश सफल नहीं होने दी जायेगी। अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और किसी भी अपराध पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित है।
अलका गर्ग,अंतागढ़:
अंतागढ़ के ग्राम पंचायत कलेपरस के आश्रित ग्राम आमाकड़ा जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र है मैं आयोजित झलमलको लया लयोर गोटुल रच्चा उत्सव में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का आगमन हुआ था, किन्तु यह कार्यक्रम शुरू से विवादों से घिरा रहा।
बता दें आदिवासी संस्कृति एवं संरक्षण के लिए किए गए इस कार्यक्रम में आदिवासी समाज के कुछ लोग एवं विपक्षी पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम को सामाजिक कार्यक्रम बताकर एवं समाज के लोगों को विश्वास में लिए बिना कराने का आरोप लगाकर विरोध किया गया, यही नही अन्तागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग एवं कुछ भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के विरोध किया गया जिसकी वजह से उन्हें फारेस्ट रेस्ट हाउस एवं भानुप्रतापुर थाने में पुलिस द्वारा रखा गया, अन्तागढ़ में कांति नाग जो जनजाति समूह की शिक्षा व संस्कृति की सदस्य भी हैं उनके खिलाफ पूर्व विधायक भौजराज नाग द्वारा मुर्दाबाद के नारे लगाए जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है।
कांति नाग ने भाजपा नेताओं के इस राजनीति पर पलटवार किया है, उन्होंने आज प्रेस नोट जारी किया जिसमें उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक भोजराज नाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, भाजपा के रास्ट्रीय नेता महिला शशक्ति करण की बात करते हैं किंतु वहीं भाजपा के नेता द्वारा एक महिला के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाया जाता है।
उन्होंने कहा भोजराज नाग का महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार है ये जग जाहिर है, नरसों बाई का मामला हो या अन्य मामले में भोजराज नाग खुद अपने गिरेबान में झांक लें तो बेहतर होगा, कांति नाग ने कहा मुर्दाबाद का नारा लगाने सिर्फ मेरे खिलाफ मुर्दाबाद का नारा लगाना नही है, पुरी नारी शक्ति का अपमान है।
भौजराज खुद को पुजारी मानते हैं पर अभी जब नवरात्रि चल रही है और मां दुर्गा जो नारी शक्ति का स्वरूप माना गया है ऐसे में किसि महिला के खिलाफ ऐसा अभद्र भाषा का प्रयोग कर नारा लगाना मां दुर्गा सहित पूरे माताओं और बहनों का अपमान है।
कांति नाग ने बताया कि वो आदिवासी संस्कृति में युवा युवतियों के विकास के लिए 1990 से कार्य कर रही हैं, यही वजह है इस कार्यक्रम में पूरे बस्तर सम्भाग से आदिवासी युवा व युवतियां आई हुई थी, यही नही इस आयोजन में पुरुस्कार उनके बेटे कौशल नाग के नाम से उनके स्वयं के द्वारा दिया गया जो करीब 2 लाख रुपये था, उन्होंने कहा भोजराज चाहे जिस एजेंसी से जांच कराना है करा सकते हैं करा लें।
कांति नाग ने कहा भाजपा के नेता हमेशा धर्म की राजनीति करते आये हैं, अन्तागढ़ विधानसभा में हो रहे विकास कार्यों से ये बौखला गए हैं क्योंकि इनके पिछले 15 सालों की सत्ता में इन्होंने आदिवासि जनजाति के युवा युवतियों के विकास के लिए कुछ नही किया, आज जब आदिवासी समाज के लोग समझने लगे है और भाजपा का असली चेहरा उन्हें दिखाई देने लगा है तो ऐसे आयोजनों का विरोध कर उसे गलत ठहराने की कोशिश की जा रही है।
कांति नाग ने भोजराज नाग को खुली चुनौती देते हुए कहा की आदिवासी संस्कृति एवं सभ्यता के विषय में अगर उन्हें मुझसे बहस करनी है तो मीडिया के सामने वह करने को तैयार हैं , आदिवासी संस्कृति और सभ्यता के बारे में उन्हें कितनी जानकारी है और वह आदिवासियों के हितैसी बनाने का कितना दिखावा करते हुए आदिवासियों को सिर्फ गुमराह कर रहे हैं यह बात लोग जान जाएंगे ।
कांति नाग ने कहा कि समाज के दो चार लोगों को गुमराह कर ये कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम के आयोजन से पहले आदिवासी पेनकड़ा देवी देवता एवं गायता पुजारियों से अनुमति नही ली गई, जो सरासर झूठ है, हमने धनोरा के देव गुड़ी में बकायदा नियमतः चावल डालकर पुजारियों के समक्ष देवताओं से अनुमति ली थी।
बिना पूरी जानकारी के ऐसे आदिवासी सांस्कृतिक आयोजन का विरोध करने वाला कोई आदिवासी नही हो सकता वो सिर्फ राजनीति रोटी सेंकने वाला बहुरूपिया ही हो सकता है जो ऐसे पोर्पोगेंडा कर रहा है।
किसी महिला के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए है जिसकी सामाजिक बैठक होगी जहां भोजराज नाग को जवाब देना होगा ।
रायपुर/ 01 अप्रैल 2022। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं स्टार प्रचारक मोहन मरकाम जी खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा नीलांबर वर्मा के पक्ष में ग्राम मड़ौदा, राहुद, सलोनी अमलीडीह, डोकराभाटा में तुफानी एवं जीवंत जनसंपर्क कर छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं के बारे में बताते एवं उन्हें मिले लाभ के संबंध में चर्चा कर खैरागढ़ विधानसभा के विकास के लिए कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने अपील की। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार आम जनता को बेतहाशा महंगाई देकर उनकी कमर तोड़ रही है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए जनहित के हर काम में बाधा डालकर आम जनता के लिए निरंतर परेशानी उत्पन्न कर रही है। जब छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने घोषणापत्र के वादे के अनुरूप 2500 रुपए में धान का समर्थन मूल्य देने बात की तो भाजपा सरकार किसानों को 2500 रु. ना मिल पाए इसके लिए सेंट्रल पुल का चावल नहीं खरीदने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। लेकिन हमारी सरकार अपने मजबूत इरादों से किसानों को 2500 रू. क्विंटल देने में सफल रही।
जब खाद की बारी आई तो छत्तीसगढ़ की मांग से आधे से भी कम खाद्य ही देकर किसानों के फसल को बर्बाद कराने की साजिश रच ली थी। आज हम सबके लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार जनता से किए वादों को पूरा कर विकास की मुख्यधारा से आम जनता को जोड़ने वाली योजनाएं लागू कर रही है। राजीव गांधी किसान योजना, गोधन न्याय योजना सहित शिक्षा, स्वास्थ्य में भी क्रांतिकारी कदम उठाई है। इसी के कारण ही हम नगरीय निकाय चुनाव में एक तरफाजीत दर्ज किए विधानसभा के उपचुनाव में भी कांग्रेस में अपना विजय अभियान प्रारंभ रखा है।
अब आप सबको खैरागढ़ में कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करा कर आने वाले 2023 के आम चुनाव के लिए यह संदेश देना है। आने वाला समय भी कांग्रेस सरकार ही रहेगी। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के मतदाताओं से आत्मीयता से मिलन के कारण आम जनता का रुझान भी कांग्रेस की ओर जो है। उसमें मजबूती मिल रही है।
रायपुर/ 31 मार्च 2022।नेहरू संग्रहालय का नाम बदले जाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील शुक्ला ने मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल के नाम पर बने नेहरू संग्राहलय के नाम को बदले जाने को कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी और भाजपा की संकुचित मानसिकता बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा कहां-कहां से महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम को हटायेगी। नेहरू का नाम जो देश के जन मन में रचा बसा है। इस देश की आजादी से लेकर आधुनिक भारत के नव निर्माण में पं. जवाहर लाल नेहरू का अतुल्य योगदान है। आजादी का लड़ाई में अपनी जवानी के 16 साल से अधिक समय को पं. नहेरू ने अंग्रेजों की जेलों में बिताया था। उन्होंने कभी भाजपा आरएसएस के पितृ पुरूषों की भांति न अंग्रेजों की चाटुकारिता किया था और न ही जेल से रिहाई के लिये सावरकर के जैसे अंग्रेजों के सामने माफी नामा दिया था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा और मोदी दुर्भावनावश पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम से बने संग्राहलय का नाम भले ही बदल ले लेकिन पं. नेहरू द्वारा बनाये गये भाखड़ा नांगल बांध सिंचाई परियोजनाये बोकारो, राउर केला, दुर्गापुर, भिलाई जैसे उद्योगो पर से नेहरू जी की छाप कैसे मिटायेंगे? जब भाजपा के पूर्वज श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय, अपने दल के राजनैतिक वजूद की तलाश के लिये देश में हिन्दू मुस्लिम और क्षेत्रवाद का जहर बो कर सांप्रदायिकता फैलाकर विघटन फैलाने की कोशिशे में लगे हुये थे तब पं. जवाहर लाल नेहरू भारत में शिक्षा व्यवस्था का प्रचार प्रसार, स्कूल कालेजो का निर्माण, मेडिकल कालेजो का निर्माण, एम्स आईआईएम आईआईटी बना रहे थे। देश के नव निर्माण के लिये सुई से लेकर हवाई जहाज बनाने की योजनायें बना कर क्रियान्वयन करवा रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सभी प्रधानमंत्रीयों की यादों को सहेजने स्मारक बनाने की योजना बना रहे है उसका स्वागत है। लेकिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम से बने स्मारक को बदलना मोदी का नेहरू जी के प्रति पूर्वाग्रह को दर्शाता है। यह मोदी की घटिया मानसिकता को भी प्रदर्शित करता है।
नितिन कुमार भांडेकर―
खैरागढ़। खैरागढ़ उपचुनाव में सुनने में मिल रहा है कि भाजपा पार्टी पांचवी बार कोमल जंघेल पर पुनः दांव लगा सकती है । जबकि खैरागढ़ विधानसभा में भाजपा को 2018 के चुनाव में दिवंगत देवव्रत सिंह से करारी हार मिली थी। कोमल जंघेल अब तक दो बार खैरागढ़ विधानसभा से चुनाव हार चुके हैं।
वहीं सूत्रों की मानें तो भाजपा पिछले चुनाव में देवव्रत सिंह से एक हजार से कम वोट से हारे कोमल जंघेल को पुनः टिकट देकर फिर से भरोसा जता सकती है। जबकि वर्तमान में राजनांदगांव जिला पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह पिछले बार की तरह इस बार भी प्रबल दावेदार के रूप में अपनी दावेदारी समर्थकों के संग कर रहे हैं। इसी सूची में गंडई के खम्मन ताम्रकार का नाम भी जोरों से सर्खियों में हैं।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा की चुनाव समिति की बैठक लगभग पूरी हो चुकी है। दोनों दलों ने कुछ चेहरों का पैनल बनाकर केंद्रीय संगठन को अंतिम मुहर लगाने हेतु भेज भी दिया है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कोमल जंघेल को फिर से उम्मीदवार बना सकती है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार गिरवर जंघेल तीसरे स्थान पर थे और देवव्रत से करीब 18 फीसदी कम वोट पाए थे। पिछले चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार रहे देवव्रत सिंह को 61 हजार 516 और भाजपा के कोमल जंघेल को 60 हजार 646 वोट ही मिले थे। बहरहाल कांग्रेस पार्टी किसे मैदान में उतार रही है , इसकी सुगबुगाहट अभी तक नहीं मिल पाई है।
▪️समाजिक वर्चस्व :―
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक समीकरण के अनुसार दोंनो पार्टीयों के द्वारा लोधी प्रत्यासी को फिट बैठालने की पुरजोर कोशिस किया जा रहा है। जहां समाजिक दृष्टिकोण से एक ही वर्ग द्वारा अपने ही समाज की लॉबिंग कर समाजिक प्रत्यासी को ही प्रत्यासी बनाये जाने की जुगत में नीचे से ऊपर तक के लगे हुए हैं।
▪️समाजिक प्रत्यासियों की कमियां:―
हालांकि वर्तमान में उनके प्रत्यासीयों की अगर हम बात करें तो उनका पक्ष काफी कमजोर है , चाहे गिरवर जंघेल जी हों या कोमल जंघेल जी दोनों ही गत वर्षों के चुनाव में बुरी तरीके से हार चुके हैं। वहीं संगठन ने जिनका नाम आगे किया है जिनमें कुछ महिला नेत्रियों का नाम भी आगे है । जिनकी अगर हम बात करें तो जिला पंचायत चुनाव में दसमत झँघेल को विक्रांत सिंह से हार का मुख देखना पड़ा था। वहीं यशोदा नीलांबर वर्मा भी नगर पालिका चुनाव के समय अपने वार्ड की महिला प्रत्यासी के पक्ष में कुछ खासा वोट नहीं जुटा पाई थी। जिसके चलते इनका वार्ड भी भाजपा के खाते में चला गया है। वहीं जनपद सदस्य उपचुनाव में भी कांग्रेस समर्थीत प्रत्यासी के पक्ष में न तो अपना समाजिक मत दिला पाए और न ही आमजन का वोट दिला पाए थे । लिहाज यहाँ भी हार का मुख कांग्रेस पार्टी को देखना पड़ा।
वैसे तो छत्तीसगढ़ के उपचुनाव में हमेशा सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को ही फायदा मिलता आ रहा है। छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से हुए तीनों उपचुनाव में कांग्रेस के ही उम्मीदवार की जीत हुई है। कांग्रेस सरकार की कोशिश है कि खैरागढ़ चुनाव में भी ये अपनी जीत दर्ज करके अपने विधायकों की संख्या को 71 पहुंचा दे।
दोनों पार्टीयों से आमजनता का सवाल?―
जनता पूछती है कि आखिर दोनों राष्ट्रीय पार्टीयां कब तक के पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताते हुए एक ही वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट देती रहेगी। पार्टी में नए पुराने चेहरे और भी हैं , जिन्हें अवसर पार्टियों को देना चाहिए। आख़िर अन्य चेहरों को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। जो प्रत्यासी बार बार हार का मुख देख रहा हो , उसी पर पार्टी बार बार क्यों अपना भरोसा जताने पर आमदा है? दोबारा।
इस विधानसभा से सिख लेना चाहिए: उदाहरण― के तौर पर डोंगरगढ़ विधानसभा में आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पाटिला परिवार को न देकर अपने विधानसभा में पुराने प्रत्यासी का चेहरा ही बदल दिया। नतीजन डोंगरगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेस पार्टी का विधायक है। खैरागढ़ विधानसभा में भी सामान्य सीट है। यहाँ भी किसी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को ही टिकट दिया जाना चाहिए। न कि एक जाति विशेष वर्ग के एक चेहरे को बार बार दोहराया जाना चहिए। खैर.. परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। पिछली बार की तरह यदि इस बार भी प्रत्यासियों के चयन में पुनरुक्ति होती है तो निसंदेह यह सीट भी विपक्ष के झोली में जाने से कोई नहीं रोक सकता । ऐसा हम नहीं कह रहे यहाँ की जनता कह रही है।
आखिर इससे किसे लाभ पहुंच रहा है?
वहीं साजा क्षेत्र में भी इस वर्ग की बहुलता अधिक है किंतु वहाँ से सामान्य वर्ग के प्रत्यासी को अब तक के टिकट मिलते आया है। यदि खैरागढ़ में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को टिकट मिलता है तो मोहगांव साजा क्षेत्र में बेशक़ उस क्षेत्र में बहुलता रखने वाले उसी वर्ग को ही अवसर मिलेगा। ये बात तो तय है। जनता की माने तो कुछ प्रभावशाली लोग इस विधानसभा में जानबूझकर का एक व्यक्ति विशेष वर्ग को आगे कर रहे हैं ताकि उनकी सीट सुरक्षित रह सके।
इस विधानसभा में एक ऐसा भी दावेदार है―
खैरागढ़ विधानसभा में जिन प्रत्यासियों ने सुदुरवनांचल में अपने कदम तक नहीं रखे हों , यहाँ तक के सरकार की योजनाओं को आमजन तक कभी पहुंचाने का प्रयास भी न किया हो, उनके द्वारा जाती वर्ग की बहुलता के आधार पर उनकी प्रबल दावेदारी बता रहे हैं । ऐसा पूरे खैरागढ़ विधानसभा की आमजनता आज कह रही है।
वहीं सुदुरवनांचल के ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में अगर देखा जाए तो आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह ठाकुर ही एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपना तन मन धन सब न्यौछावर कर दिन रात कड़ी मेहनत कर छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार की समस्त योजनाओं को पूरे विधानसभा में जन जन तक पहुंचाने हेतु कई महीनों तक निश्वार्थ भाव से प्रचार प्रसार किया। उन्होंने लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता एवं किसान को दी गयी सौगंतों की जानकारी भी दी , साथ ही उन्नत कृषि के गुण हम किसानों को सिखाया। जनता की राय से कांग्रेस पार्टी से उत्तम सिंह ठाकुर को इस विधानसभा से एक अवसर देना चाहिए।