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अंतराष्ट्रीय अधिकार संरक्षण आयोग के मिडिया प्रभारी अफरोज ख्वाजा ने जानकारी देते हुवे कहा की कुछ निजी अस्पतालों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं । कि आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन में बड़ी दिक्कत निजी अस्पतालों की मनमानी से आ रही है।

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जमीनी हकीकत यह है कि निजी अस्पतालों में मरीज को मनमानी तरीके से कार्ड के लाभ से दूर किया जा रहा है। कुछ निजी अस्पतालों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों में खास तौर पर मरीज से धन वसूली, इलाज के लिए रकम लेना, महंगी जांच और अधिक कीमत की दवाइयां लेने लेकिन हाल फिलहाल मे मरीजों को आयुष्मान कार्ड से कोई खास उचित राहत नहीं मिल पा रही है।

 

 

अक्सर सर्वर डाउन, लिंक फेल, सन्डे एक्टिव नहीं होता बोलके नगदी उगाही किया जा रहा है? आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना 2018 में शुरू की थी जिसमें कई राज्य फिलहाल जुड़ चुके हैं। लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन में बड़ी दिक्कत कुछ निजी अस्पतालों की मनमानी से आ रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 1 लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करना और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रु. सालाना स्वास्थ्य बीमा से जोड़ना है। इसके विपरीत कार्य बहुत से हॉस्पिटल मे देखने को मिल रहे है। आयुष्मान कार्ड को साथ मे लेके जाने के बाद भी नगदी जमा की मांग की जाती है। लम्बी – चौड़ी जांच लिख दी जाती है। जो कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत नहीं आता है। यह कहके पैसे लिए जाते है।जिससे गरीब निर्धन मरीजों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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जशपुरनगर, 08 जुलाई 2023

जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा ने चाय बागान सारुडीह, मिश्रित फलोद्यान केसरा, छिछली के चाय पौधरोपण, केरेकोना के नाशपाती का  निरीक्षण कर जायजा लिया और किसानों से चर्चा की। लोगों को अधिक से अधिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने प्रेरित किया। छिछली में 90 एकड़ क्षेत्र में पौधरोपण किया जा रहा है। उन्होंने पौधों की सिंचाई की व्यवस्था एवं बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा शेष बचे हुए पौधे को समय अवधि में रोपण करने के निर्देश दिए।
       जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत मनोरा, हर्रापाठस्कूल, रीपा सोन क्यारी, स्वामी आत्मानंद स्कूल सन्ना, मिर्च प्रोसेसिंग यूनिट लोरो  व नाशपाती पौध रोपण पंडरापाठ, जनपद पंचायत बगीचा का भी निरीक्षण किया एवं स्वामी आत्मानंद के निर्माण कार्य को समय पर पूर्ण   करने आवश्यक  सुझाव दिये। मिर्ची के अच्छे उत्पादन को देखकर  सराहना की और किसानों को अधिक से अधिक लाभ अर्जित करने कहा। भ्रमण के समय संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी  उपस्थित रहे ।  

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बारिश का मौसम आते ही ऐसा देखा जाता है कि मौसम में नमी बढ़ने के साथ ही उमस भी बढ़ जाती है. इस वजह से कुछ समय तक तो ठंडक बरकरार रहती है लेकिन उसके बाद आपको भयंकर उमस झेलनी पड़ती है जो कि लू चलने वाले सीजन से कहीं ज्यादा कष्टदायक होता है. दरअसल नमी घर में इस्तेमाल होने वाले कूलर और पंखों को फेल कर देती है जिसके बाद सिर्फ एयर कडीशर ही इस समस्या से निपट सकता है. हालांकि आपको ये बात पता होनी चाहिए कि बारिश के मौसम में एयर कंडीशनर इस्तेमाल करना आपका भारी नुकसान करवा सकता है. अगर आपको इस बारे में अंदाजा नहीं है तो हम आपको इसकी डीटेल देने जा रहे हैं

बारिश और तूफान में एयर कंडीशनर चलाना है या नहीं

एयर कंडीशनर का इस्तेमाल किसी भी वक्त किया जा सकता है फिर चाहे बारिश हो रही हो या आंधी चल रही हो लेकिन कुछ बातों का खास ध्यान आपको रखना ही पड़ेगा. मान लीजिए आपके घर में एक विंडो एयर कंडीशनर है और इसका पिछला हिस्सा हर की बालकनी में निकलता है तो बालकनी में अच्छी तरह से शेल्टर मौजूद होना चाहिए. वहीं अगर बात की जाए स्प्लिट एयर कंडीशनर की तो इसका आउटर यूनिट आपके घर की छत पर लगा होता है या फिर बालकनी में लगा होता है, ऐसे में इस पर भी एक शेल्टर मौजूद होना चाहिए.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

अगर आंधी चल रही हो या फिर तेज बारिश हो रही हो तो आपको कुछ समय के लिए एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए. दरअसल शेल्टर में होने की वजह से एयर कंडीशनर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है लेकिन कई बार ऐसा होता है जब बारिश और आंधी के दौरान बिजली गिरने का भी डर बना रहता है ऐसी स्थिति में एयर कंडीशनर पर अगर बिजली गिर जाए तो यह पूरी तरह से कम करना बंद कर सकता है क्योंकि इसके अंदर शॉर्ट सर्किट हो जाएगा. अगर बहुत तेज बारिश हो रही हो तब भी आपको एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कुछ समय के लिए बंद करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर अगर ज्यादा पानी चला जाए तब की इसकी वायरिंग में दिक्कत आ सकती है या फिर पूरा का पूरा एयर कंडीशनर खराब हो सकता है. हालांकि ऐसा काम ही होता है उसके बावजूद भी आपको तेज बारिश और आंधी की स्थिति में एयर कंडीशनर बंद ही रखना चाहिए.

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2000 रुपये के नोट अब नहीं चलेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर जारी कर ये साफ किया है कि वह 2000 रुपये के नोटों को वापस लेगी. लेकिन, RBI की ओर से ये भी कहा गया है कि इससे आम लोगों को परेशान होने बिल्कुल जरूरत नहीं है.

 

RBI ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत ये फैसला लिया है. 30 सितंबर तक इन नोटों को बैंक में वापस कियाजा सकता है. अगर आपके पास 2000 के नोट हैं तो घबराए नहीं, जानिए आपको अब क्या करना है?

 

1. परेशान न हों, कोई समस्या नहीं होगी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक टाइम फ्रेम सेट कर दिया है कि आप अपने नोट को 30 सितंबर तक जमा कर सकते हैं. इससे आपके रुपये की वैल्यू खत्म नहीं होगी और आपका कोई नुकसान नहीं होगा. इसलिए इस सर्कुलर के सामने आने के बाद किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है.

 

2. नोटबंदी नहीं है, ये नोट अभी भी चल रहा है

दूसरी सबसे बड़ी बात है, इस बार RBI ने साफ किया है, आप अभी भी 2000 रुपये के नोट को लेकर आप नोटबंदी न समझें. साफ-साफ शब्दों में ऐसे समझें कि आप अभी इस 2000 रुपये के नोट को बाजार में चला सकते हैं. इससे सामान खरीद सकते हैं. किसी के साथ 2000 रुपये का लेन-देन कर सकते हैं. ये पूरी तरह से वैलिड हैं और अगर इसे लेने से कोई भी मना नहीं कर सकता है, लेकिन सिर्फ 30 सितंबर 2023 तक ही. यानि कि इस तारीख से पहले आपको ये नोट अपने बैंक (जिसमें आपका अकाउंट हो, वहां वापस कर सकते हैं) या फिर किसी भी बैंक में बदल सकते हैं

 

3. अफवाह से बचें, 30 सितंबर तक जमा कराएं

सबसे बड़ी बात, आप अभी से बैंक न पहुंच जाएं. वहां कतार न लगाएं, किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें. अफर-तफरी जैसी किसी भी स्थिति को बढ़ावा न दें. RBI ने ये साफ किया है कि रुपये की वैल्यू खत्म नहीं की गई है. आपकी जेब में रखा 2000 का नोट अभी भी 2000 की कीमत वाला नोट ही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षरित वाक्य ' मैं धारक को 2000 रुपये देने का वचन देता हूं.' अभी भी मान्य रहेगा.

 

एक बार में जमा कर सकेंगे बीस हजार रुपये

4. अगर आपको ये 2000 रुपये के नोट जमा कराने हैं तो आरबीआई ने इसके लिए भी प्लान बनाया है. आप बीस हजार रुपये तक के 2000 रुपये के नोटों को एक बार में किसी भी बैंक में बदलवा सकते हैं और अपनी सुविधानुसार उनके मूल्य के बराबर रकम ले सकते हैं.

 

23 मई 2023 से जमा होंगे नोट

रिजर्व बैंक अनुसार, 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदले जा सकते हैं. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है. रिजर्व बैंक ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे. लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं. इस संबंध में सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी.

 

अनुराग ठाकुर ने दी थी जानकारी, 2 साल से नहीं छपे थे नोट

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर हो गए थे. इन करेंसी की जगह रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे. रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था.

 

देश में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में वर्ष 2017-18 के दौरान रहे. इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे. इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपये था. 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है.

 

क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए. 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है.30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है.

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बेंगलूर । कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जोरदार सफलता के बाद भी उसे ‘राजस्थान सिंड्रोम’ का डर सता रहा है तथा मुख्यमंत्री पद के लिए वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच चयन की दुविधा की स्थिति है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा निर्वाचित विधायकों के लिए होटल के कमरे बुक करने और पार्टी पर्यवेक्षकों के संभावित दौरा इसका संकेत माना जा रहा है। पार्टी पर्यवेक्षकों का आना हालांकि सामान्य बात है लेकिन इतनी प्रचंड जीत के बाद भी यह कुछ असहज लग रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस के लिए बेहतर विकल्प कौन है – सिद्दारमैया या शिवकुमार, इस पर निर्णय लेने के लिए वे प्रत्येक विधायक से फीडबैक लेने के लिए बेंगलुरु में होंगे। मौजूदा परिस्थिति में पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार का समर्थन कर रहा है, क्योंकि उन्होंने सोनिया गांधी से कर्नाटक को उनके पाले में लाने की प्रतिबद्धता जतायी थी। इसके बावजूद शिवकुमार के राज्याभिषेक के मार्ग में कुछ बाधाएं हैं। घन शोधन से संबंधित अदालती मामलों में उन पर लटकी तलवार उन्हें परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा वह गिरफ्तारी और कारावास से बचने के लिए जमानत पर है। वहीं यदि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें अदालतों द्वारा तिहाड़ वापस भेज दिया जाता है, तो इससे सरकार की छवि को अपूरणीय क्षति होगी। दूसरी तरफ सिद्दारमैया के समर्थक पर्यवेक्षकों के सामने इन तथ्यों को मुख्य रूप से पेश करेंगे। वैसे शिवकुमार को आलाकमान का आशीर्वाद मिल सकता है, लेकिन संख्या बल के हिसाब से सिद्दारमैया मजबूत स्थिति में हैं और इसी बात को लेकर कर्नाटक कांग्रेस ‘राजस्थान सिंड्रोम’ से आशंकित है। गौरतलब है कि राजस्थान में सचिन पायलट कांग्रेस को सत्ता में लाने के अपने जोरदार प्रयास के बदले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ प्रतिष्ठित पद के लिए झगड़ रहे हैं। गहलोत के सत्ता में आने के बाद अपना हक नहीं मिलने पर वहखुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में पार्टी को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार कर श्री कमलनाथ का राज्याभिषेक कर दिया। इससे सिंधिया को विद्रोह का अवसर मिला और उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए, जिससे उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक पद और मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में उनके समर्थकों को भागीदारी मिली।

 

 

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कर्नाटक। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया है. यहां 224 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में चुनाव हो रहा है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के लोगों से “राज्य में सुशासन, विकास और समृद्धि” के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की है.

 

उन्होंने ट्वीट किया, “आपका एक वोट एक जन-समर्थक और प्रगति-समर्थक सरकार सुनिश्चित कर सकता है, जो राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं से मतदान करने की अपील की। राज्य में 2.66 करोड़ पुरुष और 2.63 करोड़ महिलाएं हैं.

 

जबकि 5.71 लाख से ज्यादा दिव्यांग वोटर्स हैं. 80 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के 12.15 लाख वरिष्ठ नागरिक वोट डालेंगे. 16,000 से ज्यादा मतदाता 100 साल से ज्यादा उम्र के हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 रैलियां और 6 रोड शो किए. गृहमंत्री अमित शाह ने 16 जनसभाएं और 14 रोड शो किए.

 

जबकि इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 10 रैलियां और 16 रोड शो किए. वही बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि बीजेपी राज्य में 135 सीटें जीतने जा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने यूपी में 4-5 महीने तक प्रचार किया था और इसके बाद भी पार्टी 2-3 सीट ही जीत सकी थी.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल कर दिया गया है। इससे राज्य सरकार के 1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा, जिन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।

राज्य के मुख्य सचिव ने सोमवार को ओपीएस लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी।

 

अधिसूचना में कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों का अंशदान (नियोक्ता और कर्मचारी का अंश) एक अप्रैल, 2023 से रोक दिया जाएगा।

 

ओपीएस की बहाली 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रमुख वादों में शामिल थी और इस संबंध में 13 जनवरी, 2023 को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में फैसला किया गया था।

 

 

 

 

 

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बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब कांड हुआ है। यहां पश्चिमी चंपारण के मोतिहारी में संदिग्ध हालत में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। वहीं 4 दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं।

आशंका जताई जा रही है कि मृतक संख्या बढ़ सकती है।

मामला सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन में है। घटना को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। सदर व अरेराज के अनुमंडल पदाधिकारी प्रभावित गांवों में जाकर जांच कर रहे हैं।

बिहार में यूं तो शराब की पाबंदी है, लेकिन लोग स्थानीय स्तर पर गुपचुप तरीके से शराब बनाते हैं। इस तरह जहरीली शराब पीने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

ताजा मामले में पहली मौत शुक्रवार की शाम को तुरकौलिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर में हुई थी। निजी अस्पताल में रामेश्वर राम उर्फ जटा राम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आया था।

पिछले 24 घंटों में तुरकौलिया में चार, सुगौली में पांच, पहाड़पुर में दो और हरसिद्धि में तीन लोगों की जान संदिग्ध परिस्थितियों में गई है।

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नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को अब सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने योजना को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ गोपाल कृष्ण और एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. हाई कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 27 फरवरी को कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार की गई है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सेनाओं के लिए रैलियों, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट जैसी भर्ती प्रक्रियाओं के जरिये चुने गए उम्मीदवारों के पास नियुक्ति का निहित अधिकार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ अग्निपथ योजना पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. वहीं दूसरी ओर योजना के आने से पहले एयरफोर्स में नियुक्ति के लिए आवेदन लगाए उम्मीदवारों की याचिका को सुनने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भारतीय वायुसेना में भर्ती से संबंधित तीसरी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा.

 

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पटना । बिहार सरकार ने शनिवार को बड़े पैमाने पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। इसमें कई जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं।

 

गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सीतामढ़ी, सुपौल, वैशाली, पश्चिम चंपारण, सहरसा, रोहतास के पुलिस अधीक्षक सहित 26 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है।

 

 

अधिसूचना के अनुसार, बीएमपी 16, पटना के कमांडेट पुष्कर आनंद को बीएमपी 3, बोधगया का कमांडेंट बनाया गया है। हिमांशु शंकर द्विवेदी को बीएमपी-11, जमुई का समादेष्टा बनाया गया है।

 

 

इसके अलावा तौहीद परवेज को मुजफ्फरपुर का समादेष्टा, अनिल कुमार को आपात अनुक्रिया और सहयोग प्रणाली का एसपी बनाया गया है, जबकि हरकिशोर राय को पटना का समादेष्टा, अवकाश कुमार को दरभंगा का समादेष्टा, रविरंजन कुमार को वैशाली का एसपी, रमन कुमार चौधरी को जमालपुर (रेल) एसपी, मनोज कुमार तिवारी को सीतामढ़ी का एसपी और डी अमरकेश को पश्चिम चंपारण का एसपी बनाया गया है।

 

मनीष को वैशाली एसपी से हटाकर अपराध अनुसंधान विभाग, पटना का एसपी, उपेंद्र नाथ वर्मा को सहरसा का एसपी, विशाल शर्मा को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कल्याण), पटना, तथा अशोक कुमार प्रसाद को समादेष्टा, सुपौल का दायित्व सौंपा गया है।

 

 

अधिसूचना के मुताबिक, हृदयकांत को बेगूसराय का समादेष्टा, लिपि सिंह को डेहरी का समादेष्टा, शैशव यादव को सुपौल का एसपी, विनीत कुमार को समादेष्टा, सासाराम, पुरण कुमार झा को पटना यातायात का एसपी, नवजोत सिमी को कमजोर वर्ग और महिला कोषांग, अपराध अनुसंधान विभाग का एसपी, अमित रंजन को भागलपुर का सिटी एसपी, हिमांशु को गया का सिटी एसपी तथा अरविंद प्रताप सिंह को मुजफ्फरपुर का सिटी एसपी बनाया गया है।

 

इसके अतिरिक्त भारत सोनी को पटना के बाढ़ के एसडीपीओ का दायित्व सौंपा गया है जबकि शरद आर एस को पटना सिटी का एसडीपीओ और विक्रम सिहाग को फुलवरिशरीफ का एसडीपीओ बनाया गया है।

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